तुम्हीं ने कहा था कि, मैं कश्ती पे बोझ हूँ |
अब आँखों को न कर बंद, मुझे डूबता भी देख ||
Saturday, October 23, 2010
मुझे डूबता भी देख...
प्रस्तुतकर्ता
शागिर्द - ए - रेख्ता
पर
Saturday, October 23, 2010
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