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Tuesday, April 13, 2010

कौन हूँ मैं...?

कौन हूँ क्या ये जानती हूँ मैं ?

शायद खुद ही को नहीं पहचानती हूँ मै !

कौन हूँ ... ?

मात-पिता से नाम मिला है ,

खान-पान-आराम मिला है,

समाज में स्थान मिला है,

किन्तु सोच रही हूँ मैं,

क्या खुद की है पहचान कहीं पर ?

लेकर यही प्रश्न हृदय में,

अपनी राह बनाती हूँ मैं ,

कौन हूँ क्या ...?

मेरी भी एक राह अलग हो,

जग में मेरा स्थान अलग हो,

पर,

क्या खुद को परिचय जानती हूँ मैं ?

कौन हूँ क्या ... ?

देख के सब कयास लगाते,

मेरा आईना मुझे दिखाते ,

मुझे बदलने को तत्पर सब,

अपनी -अपनी राह बताते,

क्यूँ वे मुझे राह दर्शाते,

भ्रमित होते राहों से !

क्या खुद की राह जानते हैं वे ?

पर अंतर्मयी राह बनाती,

लक्ष्य सिमरती पग बढाती,

यात्रा का आनंद उठाती हूँ मैं ,

हाँ अब खुद को पहचानती हूँ मैं ...!

आकांक्षा शर्मा

http://www.jhanjhawaat.blogspot.com/

1 टिप्पणियाँ:

Dev said...

अपनी पहचान को खोजती हुई बड़ी खूबसूरत रचना लिखी है