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Monday, July 12, 2010

अहल - ऐ -सफ़र ...


किधर को जायेंगे , अहल - ऐ -सफ़र नहीं मालूम

वो बदहवासी है, अपना ही घर नहीं मालूम


- मंज़र भोपाली

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